Wednesday, August 19, 2009

वह ममता .....

वह ममता कितनी प्यारी थी ,
वह आँचल कितना सुन्दर था,
जिसके कोने कि गिरहों में
थी मेरी ऊँगली बंधी हुई .
तब .......          
बीत्ते भर की खुशियाँ थी,
ऊँगली भर की आकांछा थी ,
उस आँचल की उन गिरहों में
बस,अपनी सारी दुनिया थी.....

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