Sunday, December 30, 2012

रोज़मर्रा की छोटी-छोटी बातों में......

रोज़मर्रा की छोटी-छोटी बातों में
जब ढूँढने लगी
खुशियाँ
तो लगा......
खुशियों की कोई
कीमत नहीं होती,
रद्दी से मिले
एक सौ अस्सी रूपये में
खुशी  होती है,
मटर पच्चीस से बीस का
किलो
हो जाये
खुशी होती है,
'स्वीपर','माली''मेड '
'ड्राइवर'
समय से आयें
खुशी होती है,
आलू के पराठे पर
'बटर'
पिघल जाये
खुशी  होती है,
चक्कर लगा घर के
कोने-कोने में
खुशी होती है,
'बुक-सेल्फ' से निकालकर
किताब
पढ़ने में
खुशी होती है,
पर्दे सही लग जाएँ
खुशी होती है,
'टेबल-क्लौथ'  धुल जाएँ
खुशी होती है........तो
रोज़
बड़ी-बड़ी खुशियाँ
कहाँ मिलने वाली.....
चलो,इसी में
जी लिया जाये,
जाड़े का मौसम है
क्यों न
एक 'कप' गर्म चाय का
आनंद लिया जाये.








Thursday, December 27, 2012

कहते हैं माँ-बाप आजकल......

कहते हैं माँ-बाप आजकल......
बड़े होशियार हैं
मेरे बच्चे,
सारे 'पोयम्स' याद हैं इन्हें 
'बाई -हार्ट',
'चैम्पियन'हैं 'स्विमिंग' के,
हर बार 'फर्स्ट' आते हैं
'क्लास' में.
'गिटार' बजाते हैं,
'पियानो' बजाते हैं ,
करते हैं
'घुड़सवारी',
छोटी सी उम्र में
शौक रखते हैं 'ब्रिज' का
'शतरंज' का
खेल लेते हैं, खेल
सारी.
नहीं करते वे
इन बातों का ज़िक्र........
घूमते रहते हैं
नंगे पाँव, इधर-उधर
अंदर-बाहर,
जबाब देते हैं
हर बात का,
बदतमीजी से,
उधम मचाकर ,ऊपर की
मंजिल पर,
जीना मुश्किल
कर देते हैं
नीचे वालों का.
दूसरों के घर जाकर,
तोड़-फोड़ मचाकर,
कभी हर चीज छूकर
कभी पानी
गिराकर,
कर देते हैं- नाक में दम,
जहाँ कहीं जाते हैं,
घर में जो
छूने  की मनाही हो,
बाहर
उन्हें ही आज़माते हैं.
यह सब देखकर
माँ -बाप को आता है
लाड़,
रहने दो बच्चों,
प्यार से
थपथपाते हैं.
नहीं समझते औरों की
कसमसाहट
जब नई बिछी
कालीन पर,
बच्चे चाय छलकाते हैं,
वे समझते हैं
ये सारी खुराफ़ातें
बच्चों की होशियारी में,
चार चाँद लगाते  हैं.



 



Saturday, December 15, 2012

जाड़ों की सुबह-सुबह........

जाड़ों की सुबह-सुबह
सरकाकर सारे पर्दों को,
खोलती हूँ
दरवाज़ा जो.......
मखमली धूप
खिड़की की छड़ों से
छनकर,
हमारी दहलीज को
पारकर,
कमरे की हर चीज़ को
छूने का प्रयास
करती हुई,
छू लेती है........
बिखेड़ती हुई,
अपनी गरिमामय
मुस्कुराहट
कोने-कोने में.......
इस सुनहले स्पर्श के
सम्मोहन से
खिल उठता  है
मन-प्राण
और
आत्मसात कर लेती हूँ
इस छुअन को,
अगली सुबह तक के लिये.