Wednesday, March 21, 2012

चलो.........

चलो, पुराने कपड़ों की तहों से
अतीत की यादों को
निकालें,
जंग लगे बक्सों के
तालों को
खोल डालें,
कोई माला ,कोई मोती ,
किसी सिक्के से
सुनें कहानी,
बर्तनों के ढेर से
सुन लें
उनकी जुबानी.
पूछें घर के
कोने-कोने से
कल की बातें......
हँस लें ,मुस्कुरा लें,
गा लें,
कि
आज की शाम
बड़ी उदास है
चलो,उसे दूर भगा लें.


Thursday, March 8, 2012

जन्म-दिवस है आया.......

कलियों ने तड़के
दरवाज़े को खड़काया,
भंवरों का  गुनगुन
सीधा
कानों में आया,
साथ हवा के
मीठी-मीठी खुशबू
आयी,
पेड़ों की हर शाखों ने
हलके से
किसलय को सहलाया.
कहो-कहो
क्या बात आज
तो
साथ सभी ने गाया......
तुम भी गाओ
'अमल-पुष्प' का
जन्म-दिवस है आया.

 (आपकी  जिज्ञासा के लिए बता दूं कि 'अमल-पुष्प' मेरे दामाद का नाम है)   

Tuesday, March 6, 2012

आपके सानिध्य में दिन-रात जो रहने लगा हूँ.......

सुन हवा का
 मंद स्वर
कुछ-कुछ थिरकने
मैं लगा हूँ,                                 
आपके सानिध्य में
दिन-रात
जो रहने लगा हूँ.
 मैं सुबह की                                                            
ओस में, मोती
उगाने
अब लगा हूँ,     
भ्रमर- दल  की                                        
गुनगुनाने  में, गुनगुनाने 
अब   लगा हूँ .                                    
खग-विहग कल्लोल से
कल्लोल
मैं करने लगा हूँ,
बादलों को थामकर
अक्सर,
ज़रा उड़ने लगा हूँ.
मैं समंदर की
लहर से, गुफ़्तगू        
करने लगा हूँ,
तितलियों के पंख पर
कुछ-कुछ
कभी
धरने लगा हूँ.
ख़्वाब की दुनिया में
मैं भी
बैठकर चलने लगा हूँ,
आपके सानिध्य में
दिन-रात
जो रहने लगा हूँ.