Wednesday, January 15, 2014

कि.....मैं तुम्हें......

मैं अपनी पलकों पर 
तुम्हारे 
इशारों के जाल 
बुनता हूँ......
तुम्हारे 
ख्वाबों की उड़ान में 
साथ-साथ 
उड़ता हूँ.......
सहेजता हूँ तुम्हारी 
मिठास,
मन के कोने-कोने में
कि.....मैं तुम्हें
बेहद प्यार करता हूँ..........

7 comments:

  1. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .....मन आह्लादित कर रही है ....

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  2. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (17.01.2014) को " सपनों को मत रोको (चर्चा -1495)" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है,धन्यबाद।

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  3. पुरुष मन की प्रेमाभिव्यक्ति!!

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  4. वाह बहुत सुन्दर..

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  5. प्रीत का सुंदर इजहार

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